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एकता हत्याकांड: छह माह..फोन पर विमल से 60 घंटे बात, फिर भी नहीं जागी पुलिस, पीएम कार्यालय तक लिखी गई थी चिट्ठी

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कानपुर। कानपुर के सिविल लाइंस की रहने वाली एकता गुप्ता की हत्या और कंकाल मिलने के बाद नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी जिम ट्रेनर ने पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। एकता के परिवार ने भी इस मामले में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। एकता के लापता होने से आरोपी की गिरफ्तारी और कंकाल मिलने के बीच पुलिस का रवैया सवालों से घिरा रहा।

अब यह बात भी सामने आई है कि जिस दिन एकता गुप्ता लापता हुई थी, उसी दिन शेयर कारोबारी पति राहुल गुप्ता ने आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ कोतवाली में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया था, लेकिन पुलिस हरकत में नहीं आई। इसके बाद परिवार ने महिला आयोग से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पत्र लिखे।

परिवार ने खुद सबूत जुटाकर आरोपी जिम ट्रेनर विमल सोनी के बैंक स्टेटमेंट और मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिए, लेकिन पुलिस दोनों की कॉल डिटेल के आधार पर खुद भागने की थ्योरी को सही मानकर हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। अंत में जब आईबी के अधिकारियों से पुलिस पर दबाव बनवाया और मृतक एकता की मां डीसीपी से जाकर मिली तब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।

कानपुर के शुक्लागंज के ऋषिनगर में रहने वाले एकता के बड़े भाई हिमांशु ने बताया कि 24 जून को ग्रीनपार्क स्थित जिम के लिए घर से निकली थी। एकता के घर नहीं आने पर राहुल ने उसी दिन जिम ट्रेनर विमल कुमार पर अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की। पुलिस की निष्क्रियता देख परिवार ने 26 जून को महिला आयोग को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद 10 जुलाई को वह लोग मुख्यमंत्री जनता दरबार में भी पहुंचे। 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। यही नहीं, कंकाल मिलने से पहले तीन बार पति और भाई ने प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस के जांच न करने पर सवाल उठाए।

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