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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर गरमाई सियासत, नेताओं से रायशुमारी में बन रहे हैं ये समीकरण

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लखनऊ। भाजपा संगठन के चुनाव की सरगर्मी के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए विनोद तावड़े बुधवार को राजधानी पहुंचे। हालांकि, एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में उनके यहां आने की बात कही जा रही है, लेकिन पूरे दिन भाजपा नेताओं की उनसे हुई मुलाकात से सियासी माहौल गरम हो गया है। तावड़े ने सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो तावड़े ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है।

तावड़े की सीएम से करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। वहीं, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उनसे मुलाकात की। तावड़े की प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल से भी अलग मुलाकात हुई है। तावड़े इन नेताओं का फीडबैक पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे। बता दें, पार्टी ने यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को चुनाव अधिकारी बनाया है। जिलाध्यक्षों के चुनाव के तत्काल बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसलिए अब प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों पर मंथन शुरू हो चुका है। जल्द ही पीयूष गोयल भी लखनऊ आएंगे और वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पर चर्चा करेंगे।

दरअसल प्रदेश में ही जल्द ही नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होनी है। इस पद के लिए तमाम नेताओं ने दावेदारी कर रखी है। ऐसे में पर्यवेक्षक के तौर पर तावड़े के यूपी दौरा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी स्तर पर 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से प्रदेश अध्यक्ष के लिए प्रभावी चेहरे को लेकर मंथन हो रहा है। विनोद तावड़े की सीएम व डिप्टी सीएम समेत अन्य नेताओं की मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि तावड़े ने इस मुलाकात में अध्यक्ष पद के संभावित कुछ चेहरों के नाम पर रायशुमारी भी की है।

जिलाध्यक्षों के नाम पर भी मंथन

सीएम व डिप्टी सीएम से मिलने के बाद तावड़े ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल से भी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में अलग से बैठक की। इसमें उन्होंने जिलाध्यक्षों के चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। कई जिलों में विवाद की आशंका को देखते हुए उन्होंने ऐसे जिलों के चुनाव में दावेदारों को बुलाकर समझाने को कहा है।

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