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सामूहिक हत्याकांड : 10 वर्ष बाद फिर हुबहू वारदात, कातिल करीबी

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मेरठ। मेरठ में 10 साल बाद सुहेल गार्डन में फिर से सामूहिक हत्याकांड हुआ है। गली भी वही है, घटनाक्रम भी वैसा ही हुआ, बस किरदार बदल गए। कातिलों ने बिल्कुल वारदात का दोहराव किया है। शातिर दिमाग से कातिल मोईन और उसके परिवार की हत्या करके आसानी से भाग गए। अंदेशा है कि कातिलों ने खाने में परिवार को नशीला पदार्थ खिलाया और फिर मौत की नींद सुला दिया। अंदेशा है कि बदमाशों ने पहले मोईन, फिर पत्नी और बच्चों को मार डाला।

खतौली निवासी नावेद की पत्नी रुखसाना अपने चार बच्चों के साथ सुहेल गार्डन में आकर रहने लगी थी। 25 जनवरी 2015 को बदमाशों ने महिला और उसके चारों बच्चों की नृशंस हत्या कर दी थी। रुखसाना के भांजे नईम उर्फ मीम और उसके दोस्त मोहसिन को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा किया। नरसंहार की वजह रुखसाना की बड़ी बेटी से दोस्त का एकतरफा प्यार था। खुलासा हुआ था कि रुखसाना और उसके बच्चों को आरोपियों ने रात में ही खाने की फरमाइश पूछी। आखिरी इच्छा पूरी की, खानी में नशीला पदार्थ खिलाया और फिर मौत की नींद सुलाया था। ठीक 10 साल बाद फिर से सुहेल गार्डन में ऐसी ही खौफनाक वारदात को दोहराया गया। इसमें बदमाशों ने राजमिस्त्री मोईन और उसके परिवार को बेरहमी से मारा है। अंदेशा है कि राजमिस्त्री मोईन ने बुधवार शाम अपने मकान में लिंटर डालकर लड्डू बांटकर खुशी मनाई थी। इस खुशी में मोईन के साथ कौन-कौन था, कहीं कातिल ने पहले मोईन और उसके परिवार को खाने में कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर वारदात को अंजाम दिया है। इस सामूहिक हत्याकांड के कातिल पकड़े जाएंगे तो फिर से बड़ा ऐसा ही खुलासा होगा।

सामूहिक हत्याकांड का कारण कुछ भी हो, लेकिन मोईन की मासूम बेटियां का कसूर है। इस बच्चियों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं था। आरोपियों ने पहले सिर पर प्रहार किया और फिर गला काटा। घर में खून ही खून था। पुलिस ने क्राइम सीन के दौरान मकान में सामान की जांच की। बताया गया कि पांच नशीली गोलियां भी मिली है, हालांकि अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं है।

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