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आंखों में आंसू भरकर मॉडल हर्षा ने छोड़ा महाकुंभ

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आचार्य महमंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस पूरे विवाद को गैरजरूरी ठहराया
झांसी। हर्षा मूलरूप से यूट्यूबर हैं। उनका जन्म भी झांसी के मऊरानीपुर में हुआ। बाद में उनका परिवार भोपाल चला गया। हर्षा अब उत्तराखंड में रहती हैं। हर्षा ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गुरू दीक्षा ली थी। मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान हर्षा ने भगवा वस्त्र पहनकर गंगा में डुबकी लगाई। इसके बाद से महाकुंभनगरी में विवाद छिड़ गया। ज्योतिष पीठ पीठाधीश्वर एवं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद ने इसकी निंदा करते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया। उनके साथ ही शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने भी मोर्चा खोल दिया। उन्होंने मॉडल हर्षा के भगवा वस्त्र पहनकर स्नान करने को त्याग की परंपरा को भोग की परंपरा में तब्दील होना ठहराया। संतों के विरोध की वजह से मीडिया में भी मामले ने तूल पकड़ लिया। गुरुवार रात इन बातों पर दुख जताते हुए हर्षा ने कुंभ नगरी को छोड़ने का एलान कर दिया।
उन्होंने एक वीडियो के जरिये कहा कि एक युवा के नाते वह यहां सनातन धर्म को करीब से समझने आईं थी, लेकिन वह अपने गुरु को अपमानित होते नहीं देख सकतीं। इस वजह से वह समय से पहले ही कुंभनगरी को छोड़कर यहां से जा रही हैं। उधर, आचार्य महमंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस पूरे विवाद को गैरजरूरी ठहराया। उनका कहना है कि जिस तरह से उनके अन्य अनुयायियों ने स्नान किया, उसी तरह उसने भी स्नान किया था। उसे साध्वी की कोई दीक्षा नहीं दी गई है।

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