संपत्ति के लिए माता-पिता सहित परिवार के छह लोगों को काट डाला था, दोषी बेटे-बहू को फांसी की सजा
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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में संपत्ति के लालच में माता-पिता सहित परिवार के छह लोगों की निर्मम हत्या करने के मामले में शुक्रवार को सजा सुना दी गई। हत्यारे पुत्र अजय सिंह और उसकी पत्नी रूपा सिंह को एडीजे रोहित सिंह ने मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अजय सिंह पर 1.55 लाख और रूपा सिंह पर 1.50 लाख रुपये का जुमार्ना भी लगाया है। कोर्ट ने मृत्युदंड का आदेश और पत्रावली को हाईकोर्ट भेजने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट मृत्युदंड के आदेश की पुष्टि नहीं कर देता, तब तक दोषियों को फांसी पर न चढ़ाया जाए। कहा कि अजय सिंह और रूपा सिंह को गर्दन से फांसी का फंदा डालकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु ना हो जाए। कोर्ट ने कहा कि दोषियों को यह सूचना भी दी गई कि यदि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करना चाहते हैं तो निर्णय के 30 दिन के अंदर हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। आयुर्वेद घोटाला के विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने सुनवाई के बाद इन दोनों को 16 दिसंबर को दोषी ठहराया था। दोनों पति-पत्नी को सजा सुनाने के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की थी। कोर्ट ने दोषियों को दंपत्ति को सजा सुनाने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी, केजीएमयू और जेल के अधिकारियों से आरोपियों के आचरण, पारिवारिक पृष्ठभूमि और मानसिक स्थिति के बारे में 10 जनवरी को रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन, तय तारीख पर चिकित्सीय रिपोर्ट न आने के कारण सजा नहीं सुनाई जा सकी थी। इसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार की तारीख तय की थी।
मामले की वादिनी और दोषी अजय सिंह की बहन गुड्डी सिंह उर्फ दुर्गावती ने 1 मई 2020 को बंथरा थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उसे जानकारी मिली है कि 30 अप्रैल 2020 को उनके भाई अजय सिंह, उसकी पत्नी रूपा सिंह तथा उसके नाबालिग बेटे ने आपस में षड्यंत्र के तहत पिता अमर सिंह, माता राम दुलारी, भाई अरुण सिंह, भाभी राम सखी, भतीजा सौरभ, व भतीजी सारिका की गंडासे से गर्दन काटकर एवं गोली मारकर हत्या कर दी है। कहा था कि अजय सिंह अपने पिता से रुपयों की मांग करता था। अजय को आशंका थी कि पिता अपनी जमीन बेचकर पैसा छोटे भाई अरुण और उसकी पत्नी राम सखी को दे देंगे। इसी आशंका के चलते उसने अपनी पत्नी एवं नाबालिग बेटे के साथ मिलकर षड्यंत्र किया। पहले पिता सहित पांच लोगों की बाग में तथा बूढ़ी मां की घर में गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी। पुलिस ने विवेचना के बाद अजय सिंह और रूपा सिंह के अलावा दंपत्ति के पुत्र के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस पर अजय सिंह और रूपा की सुनवाई एडीजे कोर्ट में हुई थी। बेटा नाबालिग था, इसलिए उसके मामले को सुनवाई के लिए जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया था। अभियोजन ने आरोपियों का अपराध साबित करने के लिए कोर्ट में कुल आठ गवाह पेश किए। साथ ही साक्ष्य के तौर पर 31 दस्तावेज पेश किए।