बिजली के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी आंदोलन की तैयारी, 23 फरवरी को बनेगी रणनीति
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लखनऊ। पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली निगमों के निजीकरण के प्रस्ताव और अन्य राज्यों में निजीकरण की चल रही कवायद के विरोध में बिजलीकर्मी अब राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी में हैं। 23 फरवरी को नागपुर में बिजली कार्मिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन होगा है जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की ओर से होने वाले इस सम्मेलन में देशभर के बिजली से जुड़े संगठन हिस्सा लेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी प्रदेश की स्थिति रखेंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश में जिला मुख्यालयों एवं परियोजना मुख्यालयों पर चल रहा प्रदर्शन निरंतर चलता रहेगा। नागपुर सम्मेलन के बाद संघर्ष समिति आंदोलन के अगले कदमों की घोषणा करेगी। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि छह राजनीतिक दलों के 14 सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निजीकरण में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। सांसदों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि निजीकरण के बहाने बेशकीमती जमीनों एवं परिसंपत्तियों को कौड़ियों के भाव में निजी कंपनी को देने का प्रयास किया जा रहा है। निजीकरण से बिजली के दर में भारी बढ़ोतरी होगी जिससे गरीब उपभोक्ताओं एवं किसानों के सामने समस्या होगी। पत्र लिखने वालों में जद यू, सपा, सीपीआई सहित सभी दलों के नेता शामिल हैं। उत्तर प्रदेश पावर आॅफिसर्स एसोसिएशन के नवनिर्वाचित केंद्रीय पदाधिकारियों ने रविवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के सामने संकल्प लिया कि आरक्षण बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार रहेंगे। इस दौरान निजीकरण के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का भी एलान किया गया।
एसोसिएशन की ओर से फील्ड हॉस्टल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नवनियुक्त अध्यक्ष आरपी केन, उपाध्यक्ष नेकीराम, वेद प्रकाश, महासचिव अनिल कुमार, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार, सचिव मनोज सोनकर, संगठन सचिव हरिश्चंद्र वर्मा, बिंदा प्रसाद, अनिल कुमार, संयुक्त सचिव धीरेंद्र कुमार, मीडिया प्रभारी रमेश कुमार, मध्यांचल अध्यक्ष अजय कनौजिया, पश्चिमांचल अध्यक्ष महेश कुमार अहिरवार, लेसा अध्यक्ष प्रभाकर सिंह, लखनऊ क्षेत्र अध्यक्ष आनंद कनौजिया, पत्रिका प्रमुख सौरव वर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सभी ने बाबा साहब की तस्वीर के समक्ष संकल्प भी लिया कि आरक्षण को खत्म करने की साजिश किसी की कीमत पर कामयाब नहीं होने दी जाएगी। आरक्षण बचाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। इस दौरान पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के निजीकरण प्रस्ताव को आरक्षण खत्म करने की साजिश करार दिया गया है। यह भी दोहराया गया कि निजीकरण प्रस्ताव के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं व कार्मिकों को नौकरी से बेदखल करने की कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी।