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प्रयागराज जंक्शन जाने वाले मार्ग को सुबह से ही किया बंद, स्टेशन जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग

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महाकुंभ नगर (प्रयागराज)। प्रयागराज संगम स्टेशन को 26 फरवरी तक बंद करने के बाद प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ का दबाव काफी अधिक बढ़ गया है। जंक्शन जाने वाले सभी रास्तों पर खड़े होने तक की जगह नहीं बची है। सिविल लाइंस पानी की टंकी से जंक्शन जाने वाला आरओबी यात्रियों से भर गया है। जानसेनगंज चौक के रास्ते भी भीड़ जंक्शन की ओर बढ़ रही है।

मेले से जंक्शन की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी आई है। शहर में कई जगह बैरिकेडिंग करके बाइक और चार पहिया वाहनों को रोक दिया गया है। मेडिकल कॉलेज, सीएमपी डॉट पुल से लेकर बालसन चौराहे पर जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है। पैदल जाने वालों को दूसरे रास्ते से और वाहनों को दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।

जंक्शन के अलावा प्रयाग स्टेशन, झूंसी, रामबाग प्रयागराज, नैनी, छिवकी और फाफामऊ स्टेशनों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। रेलवे की ओर से तैयार कराए गए सारे होल्डिंग एरिया और रैन बसेरे फुल हो गए हैं। श्रद्धालु सड़कों पर बैठककर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं।

प्रयागराज जंक्शन पर भारी भीड़ को देख यूपी रोडवेज की शटल सेवा सोमवार को पत्थर गिरजा सिविल लाइंस से संचालित की जाने लगी। संगम स्नान के बाद रेलवे स्टेशन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं को शटल बसों के जरिये बेला कछार और झूंसी स्टेशन पहुंचाया जाता रहा। यूपी रोडवेज ने सभी अस्थायी बस स्टेशनों से 2200 बसों का संचालन किया।

दोपहर से ही प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई। इसके बाद जिला प्रशासन ने यूपी रोडवेज के अफसरों से संपर्क साधकर पत्थर गिरजा से एजी ऑफिस के बीच शटल बसों को लाना शुरू कराया। ताकि, प्रयागराज जंक्शन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं को शटल बसों के माध्यम से अस्थायी बस स्टेशन छोड़ा जाए।

शाम से ही शटल बसों को फाफामऊ पुल के रास्ते बेला कछार और झूंसी के लिए भेजा जाने लगा। इस दौरान रोडवेज के भी कई वरिष्ठ अफसर वहां बसों के संचालन को लेकर कर्मचारियों को दिशानिर्देश देते रहे। वहीं, शहर के अन्य रूटों पर भी रिजर्व शटल बसें चलाई गईं।

यहां जीपीओ के पास पहुंचे चंदौली के रामेश्वर दयाल ने बताया कि उन्हें पंडित दीन दयाल उपाध्याय के लिए ट्रेन पकड़नी है। अब बस से वह झूंसी जाकर वाराणसी की बस पकड़ेंगे। सुल्तानपुर के अश्विनी पाठक ने बताया कि सुबह वह बेला कछार से पैदल ही संगम गए थे। वापसी में संगम से पत्थर गिरजा तक वह पैदल ही आए। अब बस से वह बेला कछार जाकर सुल्तानपुर की बस पकड़ेंगे।

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