सीएम योगी बोले: वामपंथी और सपाई महाकुंभ को कर रहे हैं बदनाम, प्रदेश में नहीं चलेगी कठमुल्लापन की संस्कृति
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि सपा की मानसिकता संकीर्ण है। भाजपा सरकार अल्पसंख्यक बच्चों को केवल पारंपरिक मदरसों तक सीमित नहीं रखना चाहती। उन्हें मुल्ला और मौलवी बनाने के बजाय डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और साहित्यकार बनाने का अवसर भी प्रदान करना चाहती है। अब कठमुल्लापन की संस्कृति नहीं चलेगी। प्रयागराज महाकुंभ ने प्रदेश में नए पंच तीर्थ को जोड़ा है, जिसके माध्यम से श्रद्धालु अयोध्या, काशी, गोरखपुर और मथुरा दर्शन करने लिए पहुंच रहे हैं। साथ ही कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान संयुक्त सदन में सपा सदस्यों का व्यवहार संविधान सम्मत नहीं था।
सीएम योगी ने फिर दोहराया कि महाकुंभ में सभी को अपनी दृष्टि के अनुरूप चीजें देखने को मिलीं। महाकुंभ दुनिया में अब तक हुए सभी आयोजनों के रिकॉर्ड को तोड़ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र में यह आवश्यक नहीं है कि सभी लोग एक-दूसरे से सहमत हों, लेकिन राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के प्रति जिस प्रकार की अशोभनीय भाषा और नारेबाजी का प्रयोग किया गया, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमें जो लोकतांत्रिक व्यवस्था दी है, उसका सम्मान करना सभी दलों का कर्तव्य है।
योगी ने कहा कि महाकुंभ ने देश की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अब तक 64 करोड़ श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन में शामिल हो चुके हैं, जो कि विश्व के किसी भी धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या से कहीं अधिक है। सीएम ने कहा कि महान कार्यों के प्रति समाज का रवैया तीन चरणों से गुजरता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति। यही हाल राम मंदिर निर्माण और महाकुंभ आयोजन के दौरान भी देखने को मिला। पहले विपक्ष ने तंज कसे, फिर विरोध किया, लेकिन अंततः वे भी इसी आस्था में समर्पित हो गए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं संगम में स्नान कर आए और नेता प्रतिपक्ष ने खुद को पहले सनातनी बताया, बाद में समाजवादी। यह उनकी स्वीकृति का प्रमाण है।
सीएम योगी ने कहा कि मक्का में हज के दौरान 1.4 करोड़, वेटिकन सिटी में सालभर में 80 लाख, जबकि अयोध्या धाम में मात्र 52 दिनों में 16 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। कुछ लोग हर बार महाकुंभ को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस आयोजन ने हर नकारात्मक प्रचार को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि वामपंथी और समाजवादी महाकुंभ को बदनाम करने में जुटे रहे, लेकिन करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर उनकी नकारात्मकता को नकार दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगाजल की शुद्धता पर सवाल उठाने वालों को कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में वैज्ञानिक डॉ. अजय शुक्ला की लैब और उत्तर प्रदेश व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, गंगाजल सिर्फ स्नान योग्य ही नहीं, बल्कि अल्कलाइन वाटर जितना शुद्ध भी है। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह साबित हुआ है कि गंगाजल में स्वयं को शुद्ध बनाए रखने की प्राकृतिक क्षमता है, जो इसे अन्य नदियों से अलग बनाती है। 17 जनवरी को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में संगम क्षेत्र में क्लोरोफॉर्म की मात्रा निर्धारित मानकों के भीतर पाई गई। संगम तट पर इसकी मात्रा 780 एमपीएन प्रति 100 मिलीलीटर थी, जबकि वाराणसी की ओर जाने वाले घाटों पर यह 280 तक थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जल की शुद्धता के तीन प्रमुख मानक बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड), सीओडी (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) और फीकल कॉलीफॉर्म संगम क्षेत्र में पूरी तरह संतुलित पाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने प्रयागराज महाकुंभ को बदनाम करने के लिए झूठा प्रचार किया, लेकिन करोड़ों श्रद्धालुओं के स्नान के बावजूद गंगा की पवित्रता और शुद्धता सिद्ध हो चुकी है।
सीएम योगी ने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार किया गया कि गोरखपुर-बस्ती मंडल के 35 लोग लापता हैं, लेकिन वे सभी सुरक्षित अपने घर लौट आए। प्रयागराज का मेडिकल कॉलेज पूरे जिले का है और वहां होने वाली किसी भी दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु की जानकारी मेडिकल कॉलेज में दर्ज होती है। कुछ लोगों ने इस तथ्य को तोड़-मरोड़ कर हजारों मौतों की अफवाह फैलाई। जबकि डिजिटल कुंभ प्रणाली ने 28,000 बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष भाजपा से विरोध करते-करते भारत विरोधी मानसिकता अपना लेता है।
