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जातिगत जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, बिहार चुनाव के पहले विपक्ष से मुद्दा छीना

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नई दिल्ली। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सबसे अधिक मुखर रुख कांग्रेस ने ही अपनाया था। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात कही थी। बिहार में जाने के बाद भी उन्होंने अपनी इस बात को दुहराया था। कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आई तो उसने वहां भी जातिगत सर्वे कराया।
केंद्र सरकार ने आम जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना कराने का निर्णय कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार की ओर से खेला गया यह बड़ा दांव हो सकता है। राहुल गांधी जातिगत जनगणना को लेकर जिस तरह लगातार आक्रामक रुख अपनाते आ रहे थे, 2029 के आम चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता था। लेकिन केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का वादा कर कांग्रेस के हाथ से यह मुद्दा छीन लिया है।
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सबसे अधिक मुखर रुख कांग्रेस ने ही अपनाया था। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात कही थी। बिहार में जाने के बाद भी उन्होंने अपनी इस बात को दुहराया था। कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आई तो उसने वहां भी जातिगत सर्वे कराया। इस पर उसके अपने नेताओं में कुछ मतभेद अवश्य हैं, लेकिन कांग्रेस यह संदेश देने में सफल रही कि वह इस मुद्दे पर गंभीर है। वहीं, कांग्रेस की तेलंंगाना सरकार ने ओबीसी समुदाय के आरक्षण में भी बढ़ोतरी कर दी है। इससे भी कांग्रेस यह संदेश देने में सफल रही है कि यदि वह केंद्र में सत्ता में आती है तो वह पूरे देश में जातिगत जनगणना कराएगी। वह जातिगत आरक्षण पर भी दबाव बनाने में सफल रही है।

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