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आजमगढ़ : राष्ट्रीय लोक अदालत में 97192 वाद सुलह समझौते से किए गए निस्तारित

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आजमगढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा जनपद न्यायाधीश शजय प्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें न्यायिक अधिकारीगण, बैक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्जवलित करके तथा वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया।

लोक अदालत के शुभारम्भ अवसर पर अहसानुल्लाह खान प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, श्री अजय कुमार शाही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01, श्री कमला पति 1 विशेष न्यायाधीश एस०सी०/एस०टी० एक्ट, श्री संतोष कुमार यादव नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत तथा अन्य सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, बार के अध्यक्ष तथा महामंत्री व बैंक के पदाधिकारीगण ने वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्चन किया।

जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए उपलब्ध एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है, जिसके माध्यम से विवाद का निपटारा निःशुल्क व त्वरित किया जाता है। लोक अदालत में दिया गया फैसला अन्तिम होता है, उसके खिलाफ किसी उपरी न्यायालय में अपील नहीं होती हैं। लोक अदालत में दिये गये फैसले सुलह-समझौते के आधार पर होते हैं इसलिए पक्षकारों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाते है। इसमें न कोई जीतता है और न ही कोई हारता है।

लोक अदालत में निस्तारण हेतु कुल 116273 वाद चिन्हित किये गये थे, जिसमें कुल 97192 वाद निस्तारित हुए तथा रू0 82323217 धनराशि का समझौता हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर 83500 तथा कोर्ट से 13692 दीवानी व फौजदारी वाद, राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुए। जनपद न्यायाधीश द्वारा 02 वादों का निस्तारण किया गया। श्री अजय कुमार शाही, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01 द्वारा कुल 01 वाद का, श्री कमला पति-1 विशेष न्यायाधीश एस०सी०/एस०टी० एक्ट द्वारा 08 वादों का, श्री अजय श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं०- 03 द्वारा 02 वादों का, श्री विजय कुमार वर्मा, विशेष न्यायाधीश ई०सी० एक्ट द्वारा कुल 102 वादों का, श्रीमती शैलजा राठी, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट द्वारा कुल 09 वादों का, श्री संतोष कुमार यादव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-06 द्वारा 08 वादों का निस्तारण किया गया। श्री जैनुद्दीन अंसारी ने प्रभारी पीठासीन अधिकारी न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के रूप में 28 वादों का व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ०टी०सी०-1 के रूप में 03 वादों का निस्तारण किया। श्री अमर सिंह-1, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ०टी०सी०-02 द्वारा 03 वादों का निस्तारण किया गया। श्री सत्यवीर सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 5004 वादों का निस्तारण किया गया, वहीं पारिवारिक न्यायालय से श्री अहसानुल्लाह खान, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय द्वारा 37 वादों का, श्रीमती संदीपा यादव, अपर प्रधान न्यायाधीश न्यायालय संख्या-02 द्वारा 40 वादों का, श्री प्रेम शंकर, अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या-01 द्वारा 50 वादों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार पारिवारिक न्यायालय द्वारा कुल 127 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें 19 दम्पत्तियों ने एक दूसरे को माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर एक साथ जाने का निर्णय लिया।

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