Latest News

The News Complete in Website

कुलपति बनी रहेंगी प्रो. नईमा खातून, हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को किया खारिज, नियुक्ति को ठहराया वैध

1 min read

अलीगढ़। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएमयू की पहली महिला कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून की नियुक्ति को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज करते हुए उनकी नियुक्ति को वैध ठहराया है।

न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने कहा कि नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया एएमयू अधिनियम, विनियमों और प्रावधानों के अनुरूप हुई। यद्यपि प्रो. खातून के पति प्रो. मोहम्मद गुलरेज़ ने कार्यवाहक कुलपति के रूप में कुछ बैठकों की अध्यक्षता की थी, परन्तु वे केवल औपचारिक भूमिका में थे और उनके होने से चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

अदालत ने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय भारत के राष्ट्रपति (जो विश्वविद्यालय के विज़िटर होते हैं) द्वारा लिया गया, और उनके विवेकाधिकार पर कोई पक्षपात का आरोप सिद्ध नहीं होता। न्यायालय ने माना कि प्रो. नईमा खातून की योग्यता और पात्रता निर्विवाद है, और उनके चयन को चुनौती देने का कोई आधार नहीं बनता।

अमुवि कुलपति प्रो. नईमा खातून ने कहा कि मुझे हमेशा भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता, गरिमा और निष्पक्षता पर पूरा विश्वास रहा है। यह निर्णय केवल मेरे व्यक्तिगत स्तर पर न्याय नहीं है, बल्कि हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों की संस्थागत प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि भी है। मैं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सेवा पूरी निष्ठा, पारदर्शिता और समावेशी शैक्षणिक उत्कृष्टता के संकल्प के साथ करती रहूंगी। मैं आशा करती हूँ कि यह निर्णय हम सभी के लिए एक प्रेरणा बने, और विश्वविद्यालय की ज्ञान, न्याय और प्रगति की विरासत को आगे बढ़ाने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करे।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *