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शिब्ली के आरोपी प्राचार्य के विरुद्ध तत्काल मुकदमा दर्ज कर पद से हटाए जाने का गृह विभाग ने जारी किया आदेश।

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शासन का एडीजी और कमिश्नर को सख्त आदेश:

० आरोपी प्राचार्य को क्लीनचिट दे बचाने वाले कोतवाल और एसपी सिटी पर भी कार्रवाई का आदेश
० एडीजी वाराणसी और कमिश्नर आजमगढ़ को संयुक्त रूप से कार्रवाई कर 1 सप्ताह में भेजनी है रिपोर्ट
० शशांक शेखर सिंह पुष्कर के शिकायत पर सख्त हुआ शासन।
० डीएम पहले ही प्रबंधक को आरोपी प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई करने का दें चुके हैं आदेश।

आजमगढ़/लखनऊ : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अपमान मामले में आरोपी प्राचार्य को बचाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश हो गया । आरोपी प्राचार्य अफसर अली को जांच के दौरान नगर कोतवाल और एसपी सिटी ने क्लीनचिट दे दिया था। इसी के साथ आरोपी प्राचार्य के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल पद से हटाए जाने का आदेश भी शासन ने एडीजी वाराणसी और कमिश्नर आजमगढ़ को संयुक्त रूप से  दिया है।
जनपद के शिब्ली कॉलेज में चर्चित राष्ट्रीय ध्वज अपमान मामले में आजमगढ़ के पत्रकारों का प्रतिष्ठित संगठन जर्नलिस्ट क्लब ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत किया था। जिसकी जांच एसपी सिटी आजमगढ़ को दी गई थी। एसपी सिटी शैलेंद्र लाल और शहर कोतवाल शशि मौली पांडे ने इस आरोपी प्राचार्य को क्लीनचिट देकर दोषमुक्त कर दिया था। जबकि आरोपी प्राचार्य द्वारा स्वतंत्रता दिवस-24 समारोह में सार्वजनिक रूप से झंडे का अपमान किया था,और झंडा भी झुका था जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।इसी के साथ एसपी सिटी और कोतवाल की जांच आख्या झूठी साबित हो गई। क्यों कि आयुक्त आजमगढ़ के आदेश पर गठित त्रि-सदस्यीय जांच कमेटी ने सभी आरोपों की पुष्टि कर दी थी और जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट की त्रि-सदस्यीय इस जांच आख्या के आधार आरोपी प्राचार्य के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करने के लिए प्रबंधक को आदेश दिया था।

गृह विभाग ने एडीजी वाराणसी और कमिश्नर आजमगढ़ को तत्काल कार्रवाई करने का दिया आदेश

० राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा का सार्वजनिक अपमान को देखते हुए बहुतों की भावनाएं आहत हुई थीं। राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने भी इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की जांच आख्या और मजिस्ट्रेट की त्रि-सदस्यीय जांच समिति की आख्या को लेकर सीधे 18 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार से मिलकर शिकायत की और आरोप लगाया कि कैसे पुलिस ने एक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान के दोषी प्राचार्य अफसर अली को बचाने के लिए क्लीनचिट दे दिया।
यह पुलिसिया कार्य संस्कृति पर दाग है। पुलिस के ऐसे जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज और गौरव के अपमान के दोषियों को भी दोषमुक्त करार दिया। साथ ही ऐसे आरोपी प्राचार्य के विरुद्ध भी अभियोग दर्ज करके उन्हें पद से हटाया जाए।
शशांक शेखर के शिकायती पत्र पर उत्तर प्रदेश शासन का गृह विभाग सख्त हो गया और उसने 24 अक्टूबर को एडीजी वाराणसी और कमिश्नर आजमगढ़ को संयुक्त रूप से आरोपी शिब्ली नेशनल कालेज आजमगढ़ के प्राचार्य अफसर अली के विरुद्ध राष्ट्रीय झण्डा संहित 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम-1976 की धारा-2 तथा अन्य सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराते हुए तत्काल प्रभाव से प्राचार्य के विरूद्ध विश्वविद्यालय परिनियमावली की धारा 49 (ण) 16.04 की उपधारा-2 के अन्तर्गत निरन्तर कुप्रबन्धन के दोषी पाये जाने पर पदच्युत करने का आदेश जारी किया है। एडीजी और कमिश्नर को एक सप्ताह में कार्रवाई कर आख्या शासन को भेजना है।
इस आदेश के बाद पुलिस सक्रिय हो गई। एसपी सिटी स्वयं आज शिब्ली कालेज अचानक पहुंच गए।

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